Friday, May 10, 2013

Random Sentences in Hindi

सरदार पटेल को तो कांग्रेस ने भुला दिया (नेहरू परिवार के सामने); तो अगर बीजेपी और मोदी इस महापुरुष से प्रेरणा लेते रहे हैं और अब उन्हें सम्मानित कर रहे हैं तो हमें खुश होना चहिये.

ऐसे मुझे इस बात की ख़ुशी है कि चीनी चले गए, वरना सारी दुनिया के सामने पोल खुल जाती। इनके एक दिग्गज नेता श्री खुर्शीद (जिन्होंने NGO स्कैंडल में हाल में ख्याति पायी थी) चीन यात्रा पर जाने वाले थे. भाजपा ने कहा की दौरा रद्द करो पर उन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को ऊँचा समझा। कोई कुछ कहे पर इस मामले में जो कहावत सही बैठती है वो ये है - "बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा". खुर्शीद जी की यात्रा बच गयी। क्या पता उसके टिकट कटाने में भी कोई स्कैंडल हो.

हमें तो शायद पता ही न चले पूरी तरह कि और क्या क्या खोया...

देना चाहिए . अगर इस्तीफ़ा ना देना चाहें तो त्यागपत्र भी दे सकते हैं . पर ये सब बातें एक कठपुतली के हाथों में तो होती नहीं है. तो आपके प्रश्न का एक मायने में औचित्य ही  नहीं है…

फेकू मतलब श्री श्री दिग्विजय सिंह जी?

ओके फिर से गेस करता हूँ

तो जब पप्पू पास हो गया, तो उनके अध्यात्मिक गुरु श्री श्री फेकू विजय सिंह महाराज का भी खुल जायेगा - स्विस बैंक में खाता .. और और आप भी  लाइन में हैं शायद :)

सॉरी, विनीत ने ये स्विस बैंक की उम्मीद पहले ही जाहिर कर दी है… देखा सबको पता है…

मौनमोहन सिंह से बड़ा कोई मौन नहीं :)

बीजेपी के लिए एक ही मार्ग है - देश की प्रगति. कांग्रेस के लिए एक ही मार्ग है - नेहरु-गाँधी परिवार को महिमामंडित करना।

बचपन तो मासूम  है और माँ की ममता वर्णन के अतीत ...

आरक्षण से  तुलना से  नाराज न हों - तुलना 'आज के सिस्टम' और पुराने सिस्टम की की गई है. मंदिर वहीँ खड़ा रहा और समाचारपत्र बता रहे हैं कि ये आश्चर्यजनक है. आज तो आरक्षण से किसी जाति विशेष की बात  नहीं होती क्योंकि सारी जातियां इस से फायदा पा रही हैं - अनारक्षित वर्ग सरकारी तंत्र से आत्मनिर्भर हो रहा है और इन राजनितिक दलों का असली चेहरा देख रहा है। आवश्यकता अविष्कार की जननी है और हमें विश्वास है भविष्य में बिचारे कुछ ब्राह्मण जैसी जातियां सुलभ इंटरनेशनल जैसी शौचालय चेन चलाने के साथ और भी बड़े काम करेंगी.

हाँ आपने जो कहा बहुत सच कहा। नारी जीवन और जिम्मेदारियों का दायरा बहुत विचित्र है और सिर्फ नारियां ही निभा सकती हैं सब को. जहाँ तक संपत्ति की बात है तो इसमें नारियों ने भी काफी राजनीति की है :) सामान्यतः ऐसा माना जाता है कि लड़कियों को पैत्रिक संपत्ति में हिस्सा शादी के समय मिलता है (जिसे दहेज़ कह कर बदनाम कर दिया गया है) और लड़कों को माता पिता के बाद. पर ऐसा होने लगा कि लड़कियां पैत्रिक संपत्ति में माता पिता के निधन पर या उस से पहले बटवारे के समय फिर से हिस्सा मांगने लगीं, जो कि समाज में स्वार्थ के तौर पर देखा गया और इसके कारण बहुत से परिवारों में भाई बहन का सुन्दर रिश्ता भी पैसे के कारण नष्ट हुआ जो कि खेदजनक है…

ये आपका घर है? कितना सुन्दर

NaMO  पर कोई मजाक करके निकली मुश्कान तो नहीं है ये? अब  आपके पोस्ट्स से इतना डर गया हूँ मै कि NaMo सुन कर आपकी याद आती है :) ऐसे काफी अच्छी फोटो ...

वाह, अति सुन्दर…

मै भी था रायपुर बिलासपुर में २ साल. लाफार्ज के प्लांट में (जो टाटा और रेमंड से उन्होंने ख़रीदा था) बहुत सुन्दर जगह है और लोग बहुत सज्जन और भोले हैं।

हाँ,  अगर वो मुश्कुराएँ तो मै गूगल न्यूज़ में खोजता हूँ कि  मोदी जी के खिलाफ कोई न्यूज़ तो नहीं आई :)

 

No comments:

Post a Comment